प्लाट का फर्जी एग्रीमेंट कराकर बोकर्स ने हड़पे 30.50 लाख -धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर पुलिस ने लिया हिरासत में

उज्जैन। कंट्रक्शन आफिस खोलकर लोगों को प्लाट दिलाने का झांसा देकर धोखाधड़ी करने वाले आरोपी बोकर्स को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। जिसे कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया है। बोकर्स के गिरफ्त में आने पर कुछ ओर धोखाधड़ी के शिकार लोग थाने पहुंच गये थे।
ग्राम रातडिया में रहने वाले मयंक कछावा उर्फ बना पिता मेहरबानसिंह ने कुछ साल पहले ग्रेटर रतन एवेन्यू में तिरूपति कंट्रक्शन का आॅफिस खोलकर एमआर-5 मार्ग पर क्रिस्टल पार्क कालोनी में वास्तु अनुरूप मकान बनाकर देने लोगों को झांसा देना शुरू किया। उसके झांसे में देवेन्द्र पिता मोहनलाल चौहान निवासी महालक्ष्मी विहार कालोनी फंस गये। उन्होने वर्ष 2024 में मयंक बना से संपर्क किया और जून में क्रिस्टल पार्क कालोनी में भूखंड क्रमांक 83 दिखाया। देवेन्द्र चौहान ने भूखंड पसंद आने पर 43.21 लाख में सौदा तय कर लिया इस दौरान मयंक ने विक्रय और कंट्रक्शन का फर्जी एग्रिमेंट भी करा दिया। 2 से 3 किश्त में देवेन्द्र ने 30.50 रूपये दे दिये। शेष राशि रजिस्ट्री के दौरान देना तय हुआ। कुछ माह पहले उन्होने रजिस्ट्री के लिये संपर्क किया तो मयंक बना अनाकानी करने लगा। जानकारी जुटाने पर सामने आया कि उसने फर्जी एग्रीमेंट कर रूपये हड़पे लिये है। देवेन्द्र ने मामले की शिकायत चिमनगंज थाना पुलिस को आवेदन देकर दर्ज कराई। पुलिस ने जांच के बाद मामले में मयंक बना के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर लिया। बुधवार को उसे गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ के लिये रिमांड पर लिया गया है।
कार में घूमता और लग्झरी शौक करता
चिमनगंज थाना प्रभारी गजेन्द्र पचौरिया ने बताया कि हिरासत में आया धोखाधड़ी का आरोपी कार में घूमता था और महंगे शौक करता था। वह लोगों को शहर में घूमकर प्लांट दिलाने का झांसा देता था और जाल में फंसा लेता था। उसके गिरफ्त में आने के बाद 3 से 4 पीड़ित ओर सामने आये है। जिन्होने लाखों रूपये मयंक को देकर प्लाट का सौदा करने की बात कही। उन्हे भी रजिस्ट्री नहीं कराई गई थी। सामने आये धोखाधड़ी के पीड़ितों से आवेदन लिये गये है। जिसमें मामला करोड़ो का पहुंचता दिखाई दे रहा है। फिलहाल आरोपी से पूछताछ जारी है। उसके साथ काम करने वालों का भी पता लगाया जा रहा है।

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